रिश्तो के प्रति कविता मैं, सुनील कुमार आपको इस ब्लॉगर के माध्यम से अपनी इस कविता में अपनों से दूर रहकर उनकी आकांक्षा और उनके विश्वास को बनाए रखने के लिए अपने रिश्तो को कभी दूर नहीं कर सकते क्योंकि दूर रहकर भी रिश्ते अपने दिलों में छा जाते हैं, आशाा है की आप सभी को यह कविता अच्छी लगे तो शेयर करें क्योंकि इस कविता का सार भी रिश्तो को बनाए रखने के लिए अहम भूमिका निभाता है, 🙏💕 https://www.facebook.com/suni.kr.75 अपनों के प्रति टूट रहै है रिश्ते बस इसी बात का शोर है कुछ चाहे कुछ अनचाहे रिश्तो के प्रति रिश्तो पर किसका जोर है अपनों के प्रति रिश्ते दिल से नहीं टूटते यह मेरा शोर है अपनों के प्रति टूट रहे हैं रिश्ते बस इसी बात का शोर...
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DeleteAewsomw😗👌👍👍
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DeleteSuper 😘
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DeleteWow.. Super 👌👍👌👍
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DeleteNice friendship group
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